झारखंड में डीटीओ ऑफिसर (DTO Officer Kaise Bane) पूरी जानकारी

आज सभी युवा  का सपना होता है  की एक सरकारी नौकरी लेना का  तो चलिए में अपको बताता हूं कि आप झारखंड में DTO officer कैसा बने (Jharkhand mein DTO officer Kaise Bane) ,  क्या qualification है, क्या syallbus होता है क्या सैलरी होता है, क्या कार्य होता है,क्या exam pattern होता है|

क्या उपलब्धियां  मिलती है, और आपको डीएम बनने के लिया  कोना  सा एग्जाम दे  सकते , इन सभी चीजों के बारे इस आर्टिकल के माध्यम से जिक्र करेंगे इसलिए इस आर्टिकल को आप ध्यान से और अंत जरूर पढ़ें।

आज का समय मैं सरकारी नौकरी लेना बहुत ही कठिन होता है,और आज के समय में अधिकतर युवा यह चाहते हैं कि एक सरकारी नौकरी को करें। प्रशासनिक सेवा में बहुत सारे पदों होते हैं जिसको पाने के लिए आज के युवा कड़ी मेहनत करते हैं फिर भी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह होती है कि आपको अपने सपना की सारी जानकारियां होनी चाहिए।

Jharkhand mein DTO officer Kaise Bane
Jharkhand mein DTO officer Kaise Bane

 झारखंड में DTO officer Kaise Bane? – How To Become DTO in Jharkhand

झारखंड में DTO officer बनने के लिएआपको JPSC  एग्जाम देना होता है जो स्टेट के लेवल पर करवाया जाती है  आरटीओ की तरह ही डीटीओ भी झारखंड सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन काम करता है जिसकी राज्यो के सभी जिलों में कार्यालय होती है. एक DTO कार्यालय का मुख्य तौर पर  काम होता है कि उसके अंतर्गत आने वाले जिले के सभी वाहनों का डेटाबेस को मेंटेन करने की जिम्मेदारी डीटीओ ऑफिसर पर होती है।

DTO officer का फुल फॉर्म (DTO Officer Full Form) क्या होता है

डीटीओ ऑफिसर का फुल फॉर्म (District Transport office) डिस्टिक ट्रांसपोर्ट ऑफिस होता है और इसे हिंदी  में (जिला परिवहन कार्यालय) कहा जाता है। डीटीओ  झारखण्ड सरकार का एक कार्यालय है जो राज्यो के सभी जिलों में होता है जिसे हम हिंदी में जिला परिवहन कार्यालय बोल सकते हैं।

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DTO ऑफीसर क्या होता  है? – What is DTO Officer

आपको बता दे, डीटीओ जिला स्तरीय परिवहन संगठन के रूप में कार्यरत होते है और जिला परिवहन कार्यालय के आधार पर जिले में अलग-अलग कार्यभार संभालते है। क्योंकि डीटीओ अधिकारी मोटर वाहनों के नियमों के  तहत जिलो में वाहनों के लाइसेंस पंजीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। जिला परिवहन अधिकारी विभिन्न प्रकार ड्राइविंग लाइसेंस, मोटर वाहन डीलरा, नवीकरण पंजीकृत और मोटर वाहन को देख-रेख करते है और डीटीओ अफसर उसी सम्भंदि जानकारी अपने पास रखते है इसलिए डीटीओ अफसर का पद बहुत महत्वपूर्ण होता है।

झारखंड में DTO officer बनने के लिए क्या क्वॉलिफ़िकेशन चाहिए? DTO Officer Qualification in Hindi

DTO officer  बने के लिए   अपको कुछ qualification  अनियर्व है।

  • सबसे पहले आपको दसवीं पास करना अनिवार्य ।
  • उसके बाद 12 का डिग्री होना अनिवार्य है।
  • ग्रेजुएशन का डिग्री होना अनिवार्य है और साथ ही साथ किसी भी सब्जेक्ट्स से ग्रेजुएशन किए हैं तो आप डीटीओ का फॉर्म अप्लाई कर सकते हैं।

झारखंड में DTO बनने के लिए क्या आयु सीमा (Age limit) है? – DTO officer Age Requirement?

डीटीओ ऑफिसर बनने के लिए candidate न्यूनतम 21 वर्ष और अधिकतम 30 वर्ष होनी चाहिए।

  • Genral category:– जो उम्मीदवारों जनरल कैटेगरी में आते उसे न्यूनतम 21 वर्ष और अधिकतम 30 वर्ष तक फॉर्म भर सकते हैं इसमें आपको जनरल कैटेगरी में कोई छूट नहीं दी गई है।
  • ओबीसी category:–जो उम्मीदवारों ओबीसी कैटेगरी में आते हैं उसे न्यूनतम 21 वर्ष और अधिकतम 33 वर्ष तक फॉर्म भर सकते हैं इसमें आपको ओबीसी कैटेगरी में 3 वर्ष की छूट दी गई है।
  • St/Sc category:–जो उम्मीदवारों एससी और एसटी कैटेगरी में आते हैं उससे  न्यूनतम 21 वर्ष और अधिकतम 35 वर्ष तक फॉर्म भर सकते हैं इसमें आपको एससी एसटी के डिग्री में 5 वर्ष की छूट दी गई है।

झारखंड में  DTO officer बनने  के लिए  क्या Exam Pattern होता है? DTO officer Exam Level in Hindi

Dto एग्जाम तीन स्तर पर होता है

  • लिखित परीक्षा:– या पेपर पहला चरण होता है जो लिखित परीक्षा प्रवेश पत्र किया जाता है परीक्षा के अनुसार प्रश्न भारतीय भूगोल और इतिहास सामान्य ज्ञान के साथ अन्य संबंधित सवाल पूछे जाते हैं या पेपर 200 मार्क्स का होता है और उसमें 2 घंटे का समय मिलते हैं।
  •  मेडिकल एग्जाम:–या पेपर दूसरा चरण होता है जो लिखित परीक्षा पास करने के बाद आपका मेडिकल की जाती मेडिकल जांच में आप शारीरिक रूप से और से स्वास्थ्य होन चाहिए, और आंख कान के अलावा अंगों की जांच की जाती है इस तरह डीटीओ ऑफिसर बनने के लिए आपको शारीरिक रूप से और मानसिक रूप से फिट रहना पड़ेगा।
  •  इंटरव्यू:–पेपर तीसरा चरण होता है जब आप लिखित परीक्षा और मेडिकल जांच पास होने के बाद आपको इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है जो आपसे गुण और बुद्धि क्षमता इस जांच होती है अगर आप इंटरव्यू में पास हो जाते हैं तो आपको डीटीओ ऑफिसर के लिए चुन लिया जाता है।

झारखंड में DTO officer बनने के लिए क्या सिलेबस होता हैं? – DTO Officer Exam Syllabus

  • Written exam syllabus:–इसे पेपर मे २०० मार्क्स के questionsपूछी जाती है  और २ घंटा का समया मिलता है  Current Affairs, Geography,  History Of India, Economic And Social DevelopmentEnvironment And Ecology,General ScienceEnglish, Language, etc
  • Physical and Medical test:–इसमें आपको Physical and Medical test होती है। आप शारीरिक रूप से और से स्वास्थ्य होन चाहिए, और आंख कान के अलावा अंगों की जांच की जाती हैं।
  • Interview syllabus:– इसमें आपको अपने बारे में पूछा जाएगा और इसमें आपसे या पूछा जा सकता है कि आप झारखंड प्रशासनिक सेवा में क्यों आना चाहते हैं और आपसे  यह भी पूछा जा सकता है कि पिछले वर्ष का एग्जाम पेपर मे क्या था और उसका पैटर्न क्या था  साथ ही साथ अपने राज्य ,जिलों और क्षेत्र के बारे में  भी पूछा जा सकता है । और इसमें बहुत प्रकार के प्रशन पूछे जा सकते हैं।

झारखंड में DTO officer का सैलरी कितना होता है? – DTO officer Salary in Jharkhand

आख़िर DTO officer इस की सैलरी कितनी होती है।

तो आपकी जानकारी के लिए बता दे, जिला परिवहन कार्यालय के रूप में एक डीटीओ ऑफिसर का वेतन काफी अच्छा होता है मगर फिर भी औसतन लगभग 16000 से लेकर 32000 रुपये प्रतिमाह हो सकती है।

साथ ही, सरकार द्वारा अन्य सभी भाती एवं सुविधा प्रोवाइड कराई जाती है। यदि देखा जाये तो एक डीटीओ ऑफिसर के रूप में बहुत ही सम्मानजनक सैलरी मिलती है।

झारखंड में DTO ऑफिसर को क्या-क्या उपलब्धियां मिलती है? DTO Officer Facility

इस सैलरी के साथ डीएम को हर तरह की सुविधाएं मिलती है जैसे की चलने के लिए गाड़ी, रहने के लिए घर, नौकर, खाना बनाने वाला, सिक्योरिटी के लिए पुलिस और बहुत कुछ – जो की इनके बेसिक सैलरी के साथ नहीं जोड़ा जा साथ इन्हे बहुत से सरकारी schemes में छूट मिलता है जो आम तौर पर एक सरकारी अफसर को ही मिल सकता है.

झारखंड में DTO Officer का कार्य क्या होता है? – DTO Officer work in hindi

  • ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना, कोई भी वाहन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस होना जरुरी होता है, यह लाइसेंस आरटीओ बनाता है.
  • वाहनों का पंजीकरण करवाना.
  • गाड़ियों का Pollution स्तर का जाँच करना और अधिक प्रदुषण वाले वाहनों का लाइसेंस रद्द करना.
  • Vehicle Insurance करवाने के लिए आपको अपने जिला के डीटीओ अधिकारी के पास जाना होगा या तो आप अपने गाड़ी के शोरूम डीलर से भी contact कर सकते है

डीटीओ और आरटीओ में अंतर (Difference Between RTO & DTO)

आपको ये भी जानना बेहद जरुरी है कि आरटीओ औडीटीओ समान कार्य करते है लेकिन फिर भी उन दोनों के बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर क्या है। तो आइये जान लेते है। मोटर वाहन अधिनियम 1988 ने मोटर वाहन की स्थापना की धारा 213(1) के तहत विभाग। ऐसा ही एक प्राथमिक अंतर यह है कि आरटीओ रिकॉर्ड रखता है

भारत के विभिन्न राज्यों के सभी ड्राइवरों और वाहनों के डेटाबेस। जबकि, डीटीओ विभिन्न जिलों के सभी ड्राइवरों और वाहनों के रिकॉर्ड और डेटाबेस रखता है। आरटीओ एक राज्य स्तरीय परिवहन संगठन है, जबकि डीटीओ एक है जिला स्तरीय परिवहन संगठन। आरटीओ और डीटीओ के बीच एक अन्य उल्लेखनीय अंतर यह है कि एक राज्य केवल एक आरटीओ कार्यालय हो सकता है, लेकिन कई डीटीओ या जिला परिवहन |

Conclusion

मैं इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बताया कि झारखंड में डीएम ऑफिसर (DTO officer Kaise Bane) पूरी जानकारी और DTO officer क्या होता है क्या क्वालिफिकेशन क्या सिलेबस होता है किस तरह का एग्जाम पैटर्न होता है और क्या सैलरी होती है इन सभी चीजों के बारे में इस आर्टिकल में जिक्र किया हूँ तो आप यह आर्टिकल पढ़कर कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बता सकते हैं और DTO ऑफिसर के बारे में इससे संबंधित और कुछ जानकारी कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।

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